अमनी पंचायत, मानसी प्रखंड में रब्बी गेहूं के फसल कटनी प्रयोग का उप विकास आयुक्त ने किया निरीक्षण, प्रति हेक्टेयर 46.64 क्विंटल उत्पादकता आंकी गई, जनप्रतिनिधि एवं किसान भी प्रयोग के दौरान रहे उपस्थित।

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खगड़िया: उप विकास आयुक्त संतोष कुमार ने मानसी प्रखंड के अमनी ग्राम पंचायत में रब्बी गेहूं फसल के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया।अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत विभिन्न मौसमों में अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय ने रब्बी गेहूं के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता राजन कुमार, राजस्व अधिकारी, मानसी को यह प्रयोग आवंटित किया था और उन्होंने इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन उप विकास आयुक्त की उपस्थिति में किया।

उल्लेखनीय है कि रब्बी फसल गेहूं और मकई के साथ खरीफ फसल भदई मक्का, ईख और अगहनी धान का पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में संबंधित फसल का 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है।

फसल कटनी प्रयोग के लिए खेसरा संख्या 1478 पर स्थित अमनी के किसान शशिदेव कुमार के खेत का चयन किया गया। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड में लगे रब्बी गेहूं की फसल की कटनी कराई गई। कटनी प्रयोग से संबंधित जीपीएस फोटोग्राफ को सीसीई ऐप पर अपलोड भी किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं किसान भी कटनी के दौरान उपस्थित रहे।

उप विकास आयुक्त ने स्वयं अपने हाथों में हंसुआ लेकर फसल कटनी का प्रारंभ किया। भूमि सुधार उप समाहर्ता, खगड़िया, स्थानीय मुखिया उप मुखिया द्वारा भी हंसुआ से फसल की कटनी की गई।

इस दौरान फसल कटनी प्रयोग के महत्व एवं इसकी प्रक्रिया की जानकारी उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं किसानों को जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा दी गई। विगत वर्षों के उपज के बारे में भी किसानों से जानकारी ली गई। उन्होंने जानकारी दी कि फसल औसत है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पछुआ हवा नहीं चलने की वजह से गेहूं के दाने पुष्ट हुए हैं। किसान से गेहूं के प्रभेद, खाद के प्रयोग, सिंचाई की स्थिति आदि के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की गई।

उप विकास आयुक्त की उपस्थिति में फसल कटनी के बाद उसके थ्रेसिंग का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त गेहूं के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए गेहूं के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 23.320 किलोग्राम मापा गया। इस आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता 46.640 क्विंटल आंकी गई। उप विकास आयुक्त ने गेहूं के उत्पादन पर संतोष व्यक्त किया। स्थानीय किसानों ने भी बताया कि इस वर्ष गेहूं की फसल अच्छी हुई है।कटनी से प्राप्त गेहूं के हरे दाने को बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन ज्ञात किया जाना है।

ज्ञात रहे कि जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारियों को फसल कटनी प्रयोगों का निर्धारित संख्या में निरीक्षण करना होता है।

फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के अवसर पर भूमि सुधार उप समाहर्ता, खगड़िया जनक कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आनंद प्रकाश, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी सुनील प्रसाद, राजस्व अधिकारी, मानसी राजन कुमार, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, मानसी श्याम कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मानसी त्रिलोकी ठाकुर, पंचायत के मुखिया विरेन सदा, उप मुखिया अभिलाषा कुमारी, कृषि समन्वयक नवीन कुमार, किसान सलाहकार जय प्रकाश शाह, संदीप कुमार दास, शंभू ठाकुर, अमीन अशोक सिंह सहित स्थानीय ग्रामीण एवं किसान शशिदेव कुमार, त्रिभंग देव सिंह, प्रमोद सिंह, नागेश्वर सिंह आदि उपस्थित थे।

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