अरमानों की चिता पर जली खुशियाँ: निकिता के माथे से मिटा सिंदूर, कलाई हुई सूनी
विवाह के 15 दिन बाद उजड़ा सुहाग, गांव में शोक की लहर
खगड़िया, बिहार: हृदय विदारक घटना: महेशखूंट थाना क्षेत्र के खटहा गांव निवासी रामविलास साह के पुत्र, वायुसेना जवान कुणाल कुमार की ड्यूटी से घर लौटते समय गौछारी रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन से गिरकर दुखद मृत्यु हो गई। घटना कटिहार-बरौनी रेलखंड पर गौछारी रेलवे स्टेशन के समीप गुरुवार की सुबह हुई की बताई जा रही है कुणाल ‘ऑपरेशन सिंदूर मिशन’ पूरा होने के बाद छुट्टी पर अपने घर आ रहे थे। पहलगाम आतंकी हमला के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुए तनाव के कारण उनकी छुट्टी रद्द कर दी गई थी, और वह 12 मई को पुनः गाजियाबाद के मोहनपुर स्थित अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। उन्होंने जल्द घर आने का वादा किया था और 15 दिनों बाद लौट रहे थे, लेकिन घर पहुंचने से कुछ ही दूरी पर नियति ने उन्हें छीन लिया।
कुणाल घर का एकलौता चिराग था जिनकी एक बहन भी है हमेशा के लिए घर का चिराग बुझ गया , इस घटना से गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है
बचपन से ही पढ़ने में होशियार कुणाल का सपना वायुसेना में शामिल होने का था। कड़ी मेहनत के बाद छह साल पहले उन्हें वायुसेना में इलेक्ट्रिशियन के पद पर नौकरी मिली थी। सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के तुलसीयाही गांव में इस वर्ष 7 मई को निकिता से शादी करने वाले वायुसेना जवान कुणाल की अचानक मृत्यु से पूरे गांव में शोक की लहर है। 12 मई को अपनी ड्यूटी पर लौटे कुणाल का शादी के मात्र 15 दिन बाद निधन हो गया, जिससे उनके माता-पिता, पत्नी और अन्य रिश्तेदार गहरे सदमे में हैं।
गमगीन माहौल में दी गई अंतिम विदाई
बन्नी घाट पर वायुसेना के जवानों द्वारा कुणाल को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। जैसे ही पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, “भारत माता की जय” के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। घर पर मां, पिता, बहन और पत्नी कुणाल के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। मां और पत्नी बार-बार बेसुध हो रही थीं। कुणाल की पत्नी निकिता ने बताया कि कुणाल ने उनसे सुबह नाश्ता बनाकर रखने को कहा था और फोन पर वादा किया था कि वे एक साथ खाना खाएंगे।
पत्नी के साथ घूमने की थी योजना
घटना की सूचना मिलते ही पत्नी निकिता बेहोश हो गईं। वह बार-बार कुणाल से बात करने की जिद कर रही थी और अपनी हाथों की मेहंदी देखकर रोती रही। निकिता ने बताया कि कुणाल ने उनसे साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं और वादा किया था कि छुट्टी में घर आने पर वे 15 दिनों तक साथ रहेंगे और कहीं घूमने जाएंगे।
कुणाल का निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरा आघात है, जिसने एक बहादुर जवान को खो दिया है।