आगमी 22 जनवरी अपनी मांगों को लेकर रसोइया का विशाल प्रर्दशन।
खगड़िया/जन वार्ता टाईम्स: बिहार राज्य मिड डे मील वर्कर्स(रसोइया)यूनियन(सीटू से संबद्ध)के खगड़िया जिला की आम बैठक आज शहीद काo आनंदी सिंह एवं शहीद काo रामरूप शर्मा स्मारक भवन खगड़िया में यूनियन के जिलाध्यक्ष संजय कुमार के अध्यक्षता में बिहार सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ मानदेय वृद्धि सहित अन्य सुविधाओं के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाने के निर्णय के साथ सम्पन्न हुई।बैठक को संबोधित करते हुए संजय कुमार ने कहा कि पिछले कई वर्षों से बिहार की स्कूली रसोइया अपने मानदेय बढ़ोत्तरी को लेकर लगातार केन्द्र की मोदी सरकार से लेकर बिहार की नीतीश सरकार के समक्ष गुहार लगाती रही है।उन्होंने कहा केन्द्र की मोदी सरकार तो छोटे मानदेय कर्मियों के बारे में कोई चिंता ही नहीं करती,चुकी गरीब और निचले तबके के लोग उनके डिजिटल इंडिया के दायरे में ही नहीं आते,मगर बिहार की नीतीश सरकार तो राज्य की कम मानदेयभोगी कर्मियों के लिए चिंतित रहने का दावा करती है।जहां एक तरफ सारे मानदेय कर्मियों के आंदोलन की नीतीश कुमार नोटिस लेते हुए ना सिर्फ उसके मानदेय में वृद्धि किया बल्कि उसके सुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी किया।संजय कुमार ने सरकार के इस फैसले की सराहना भी किया मगर उन्होंने रसोइया के द्वारा पिछले दिनों मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन और फिर 30 नवंबर 023 से सुरु किए गए हड़ताल के बाद बिहार सरकार ने एक महीने का समय ये कह कर मांगा कि तत्काल हड़ताल वापस ले लीजिए,चुकी हड़ताल के कारण स्कूली बच्चों के सेहत पर बूड़ा असर पड़ेगा,सरकार आपके सारे मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए दिसंबर महीने में कुछ सकारात्मक निर्णय लेगी।
रसोइया सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल नहीं किया,मगर दिसंबर महीने बीत जाने के बाद भी रसोइया के मांगों पर सरकार के संज्ञान नहीं लेने से एक बार फिर से पूरे बिहार की ढाई लाख से ज्यादा रसोइया अक्रोसित होकर आंदोलन के रास्ते पर जाने को मजबूर हो रहे हैं।उन्होंने कहा लगभग रसोइया का पूरा दिन ही स्कूलों में बीत जाता है और उसके बदले सरकार उसे महज 1650/रुपए प्रति माह मानदेय वो भी साल में सिर्फ 10 महीने देती है,जो पूरी तरह से इन गरीब रसोइयों के प्रति बिहार सरकार के नकारात्मक रवैए को दर्शाती है।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा आखिर रसोइया की मांगे प्रति माह 10 हजार रूपए मानदेय का है इसमें क्या गलत है?रसोइया भी इंसान है उसे भी बाल बच्चे हैं,परिवार है जिसके लालन पालन की जिम्मेवारी उसके ऊपर है।देश के दर्जन भर राज्यों में रसोइया को वहां की राज्य सरकारें अपने राज्यांस से मानदेय में वृद्धि कर 3000/रुपए से ज्यादा प्रति माह देती है,फिर बिहार की नीतीश सरकार जो नारी सशक्तिकरण बाली सरकार है,यह मानदेय वृद्धि क्यों नहीं करती?बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य महासचिव नीतू देवी ने कहा कि बिहार में स्कूली रसोइया में 90 प्रतिशत महिलाएं हैं वो भी समाज की सबसे निचले तबके की फिर भी महिलाओं को आगे बढ़ाने बाली नीतीश सरकार इसके मानदेय वृद्धि में संवेदनशुन्य बनी हुई है।मानदेय के आलावे भी इन रसोइयों के आकस्मिक अवकाश,विशेसावकस का सवाल,मातृकावकाश का सवाल,मृत रसोइया के आश्रितों को अनुकंपा का सवाल,काम करते हुए दुर्घटनाग्रस्त होने पर इलाज का सवाल,रसोइया को कई कई महीने तक मानदेय का भुक्तान नहीं होना,नियुक्ति पत्र का सवाल,बिना कारण रसोइया को हटाने का सवाल,ड्रेस का सवाल,मध्यान भोजन योजना से एनजीओ को हटा कर स्कूलों में ही बच्चों को गर्म व स्वच्छ भोजन रसोइया के द्वारा बनाने जैसे सवाल भी सरकार के विचारार्थ लम्बित है।मृत रसोइया के आश्रितों को सरकारी सहायतार्थ राशि के लिए सालों दौड़ाया जाता है,जिससे कई बार गरीब थक हाड़ भी जाता है,क्या यही नारी सशक्तिकरण का रास्ता है।
नीतू देवी ने कहा कि अब रसोइया मजबूरन आर पार के लड़ाई का मूड बना चुकी है और इसी कड़ी में आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री पोषण योजना के जिला प्रभारी खगड़िया के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया जाएगा और फिर भी वादे के मुताबिक मांगें नहीं मानी गई तो आगामी फरवरी माह में विधान सभा के चालू सत्र में मुख्यमंत्री का घेराव भी किया जाएगा।बैठक को मीरा देवी,सुरेन्द्र प्रसाद,रौसन खातून,हसीना खातून,अरविंद यादव,ललिता देवी,गीता देवी,पिंकी देवी,कुंती साहू,राजेश कुमार, संगो देवी,रानी देवी,सुनीता देवी,रंजू देवी,लालबहादुर सिंह,रीता देवी,दिनेश कुमार,असरति खातून,नसीमा खातून,रिंकू देवी,संजू देवी,दिनेश रजक,सीता देवी,वीना देवी, रूना देवी,सोनी देवी,अनिता देवी,रेणु देवी,किरण देवी,बिमल देवी,खुशबू कुमारी,अंजनी देवी,मणिकांत पासवान,जोगा देवी,नीता देवी, मिंटू देवी,बबलू यादव,संजय राम,मंगल सिंह,प्रीति देवी, कृष्णा देवी,शारदा देवी,बिनोद राम,तारा देवी,अमृता देवी,सपना देवी,मंजुला देवी,मनाको देवी,लीला देवी आदि दर्जनों रसोइया नेता ने संबोधित किया। बैठक में पूरे जिले से बड़ी संख्या में रसोइया ने भाग लिया।