खगड़िया पहुंची रूस की अघोरी महिला साधक। पूर्व में भी अलग अलग कई देश के साधक पधार चुके हैं।

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खगड़िया पहुंची रूस की अघोरी महिला साधक। पूर्व में भी अलग अलग कई देश के साधक पधार चुके हैं।


खगड़िया/जन वार्ता टाईम्स: पूर्व वार्ड पार्षद रणवीर कुमार ने बताया कि बलुआही स्थित शिद्धपीठ योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा स्थान में कलकत्ता बंगाल काली घाट योगीराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा स्थान से रूस की अघोरी महिला साधक साधना के लिए पहुँची। काली घाट स्थान से पता चला कि रामनाथ बाबा का आश्रम खगड़िया के बलुआही में है और सिद्धपीठ है तो वहाँ से बाइक से खगड़िया पहुँची।

बड़ी -बड़ी उम्मीदें और सपनों को त्याग कर रूस की एक महिला अघोरी बन गई। उनका अघोरपंथ में श्री अनपूर्णानाथ है। वे रूस भारत आकर प्रमुख साधन स्थल का यात्रा कर रही है। वे बुलेट बाइक से यात्रा कर रही है। इस बाइक पर वे दैनिक उपयोग का सामान रखती है। बीते गुरुवार को अनपूर्णानाथ खगड़िया के प्रसिद्ध स्थल योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा आश्रम पहुँची और रात भर साधना की और शुक्रवार को आगे की यात्रा पर निकल गयी। उन्हें आश्रम अच्छी लगी और यहाँ की व्यवस्था भी बहुत पसंद आयी। उनके साथ कलकता के बालू घाट के योगी दीपकनाथ चल रहे हैं। शुक्रवार की सुबह अघोरी स्थान बलुआही में उनके दर्शन के लिए भीड़ लग गयी।

अघोरपीठ आश्रम के ट्रस्टी एवं अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया। पूर्व वार्ड पार्षद सह अघोरपीठ के सचिव रणवीर कुमार ने उनका स्वागत किया और योगीराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा आश्रम की महत्ता औऱ रामनाथ बाबा के द्वारा यहाँ किये गये चमत्कार से भी अवगत कराया। कम उम्र में जीवन की बड़ी- बड़ी उम्मीदों सपनों को त्याग कर अघोरी बनी अनपूर्णानाथ ने कहा कि साधना से बढ़कर जीवन मे कुछ नहीं है। लोग माया मोह के जाल में फंसकर दुखी और सुखी होते हैं लेकिन स्थायी कुछ नहीं मिलता है। सबको श्मशान और कब्रिस्तान में जाना होता है। वह हिंदी नहीं बोल पाती है अंग्रेजी में बहेतर बतियाती है।उनका हिंदी अनुवाद साथ मे चल रहे योगी दीपकनाथ करते हैं।लोग सबकुछ पर विजय प्राप्त कर लेते हैं लेकिन मौत पर कोई विजय नहीं पाते हैं।भारत के प्रमुख साधना स्थलों का यात्रा पूरा कर अपने देश लौट सकते हैं। अघोरी स्थान बलुआही में नेपाल,भूटान, कलकत्ता, उज्जैन से साधक आते रहते हैं।

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