समाहरणालय खगड़िया : डॉ आलोक रंजन घोष ने गर्म हवाओं एवं लू की संभावना को देखते हुए आम जनता की सुरक्षा एवं बचाव के दृष्टिकोण से विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ समाहरणालय सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक आयोजित की। उन्होंने पदाधिकारियों को उनके विभागों से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया के तहत निर्धारित दायित्वों को पूरा करते हुए तैयार रहने के संबंध में महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अभी से ही अत्यधिक गर्मी पड़ रही है और भीषण गर्मी के साथ लू एवं गर्म हवाओं के चलने की संभावना मौसम विभाग द्वारा व्यक्त की गई है। गर्म हवाओं एवं लू से जनजीवन को प्रभावित होने से रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने त्रुटिरहित एवं ससमय राहत पहुंचाने के उद्देश्य से आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी संबंधित विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों को संभावित लू से बचने के लिए विभागीय निदेशों के अनुपालन करने का निर्देश दिया। आम जनता विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं कि सुरक्षा के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई से लू की पूर्व चेतावनी एवं इसकी सूचना प्राप्त कर सभी हित धारियों एवं विभागीय पदाधिकारियों तक पहुँचाने की व्यवस्था जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा की जाएगी। साथ ही लू की पूर्व चेतावनी आम जनता को भी टीवी, रेडियो, प्रिंट मीडिया, प्रेस विज्ञप्ति एवं एसएमएस आदि के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा भी दी जाती है।
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निदेश दिया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पतालों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में लू से प्रभावित लोगों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था रहनी चाहिए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओ०आर०एस० पैकेट एवं जीवन रक्षक दवा इत्यादि की व्यवस्था होनी चाहिए। लू से पीड़ित बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
उन्होंने सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्याऊ की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। इन स्थानों पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि आम जन इनसे भली भाँति अवगत हो सके। अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत खराब चापाकलों की मरम्मति युद्ध स्तर पर करायी जाए।
जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निदेश दिया है कि खराब चापाकलों की मरम्मति युद्ध स्तर पर किया जाए। जिन स्थानों पर नल का जल नहीं पहुंचता हो एवं चापाकलों में पानी की कमी हो गयी हो, वहाँ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पेयजल संकट से निबटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। भूगर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा की जाए एवं इस पर सतत् निगरानी रखी जाए। उन्होंने जिले में भूगर्भ जल स्तर की स्थिति की समीक्षा की और समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि भूगर्भ जलस्तर 21 फीट पर पहुंच गया है। जिले में औषध भूगर्भ जल स्तर 15.8 फीट है। उन्होंने पानी के कमी वाले इलाकों में वाटर टैंकर या ट्रैक्टर पर पानी टंकी रखकर पेयजल पहुंचाने का निर्देश दिया। उन्होंने पीएचईडी के कॉल सेंटर का नंबर भी प्रचारित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया है कि सभी स्कूलों एवं परीक्षा केन्द्रों में पेयजल, ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ। लू से बचाव के लिए “क्या करें और क्या ना करें” इसके संबंध में भी प्रतिदिन विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूचना देने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को निदेश दिया है कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था करायी जानी चाहिए एवं वहाँ पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री (बच्चों को समझने हेतु) प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए। नवजात शिशु बच्चों, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निदेश दिया है कि विभाग के द्वारा पंचायतों में लू चलने के दौरान ‘‘क्या करें क्या न करें’’ का प्रचार प्रसार कराया जाए। गांवों में पेय जल की व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाने हेतु निर्देशित किया जाए तथा जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य किया जाए।
उन्होंने श्रम अधीक्षक को निदेश दिया है कि कार्य स्थल पर पेय जल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए। खुले में काम करने वाले भवन बनाने वाले मजदूरों के लिए पेय जल के साथ शेड की भी व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निदेश दिया है कि
सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढा खुदवा कर पानी इक्कट्ठा की जाए, ताकि पशु-पक्षियों को पानी मिल सके। पशुओं के बीमार पड़ने पर चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त, पटना को निदेश दिया है कि मनरेगा अन्तर्गत तालाबों/आहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जाए, जिससे इनमें पानी इकट्ठा कर पशु-पक्षियों को पानी उपलब्ध कराया जा सके। कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए। अमृत सरोवरों के निर्माण में भी अपेक्षित प्रगति लाई जाए।
जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निदेश दिया है कि बिजली के ढीले तारों को ठीक करवाने की व्यवस्था की जाए, निर्बाध बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने प्रभारी जिला सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी को निदेश दिया कि गर्म हवाओं एवं लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री का प्रचार-प्रसार कराया जाय।
संभावित लू से बचाव की तैयारियों की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी को निदेश दिया कि भीषण गर्मी के कारण अगलगी की घटनाओं में भी वृद्धि होने की संभावना रहती है। अगलगी की घटनाओं से निबटने एवं उनके रोकथाम के लिए विभागीय मानक संचालन प्रक्रियानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। फायर ब्रिगेड का नंबर आम जनता के बीच प्रचारित करने की आवश्यकता है। हालांकि यह संतोष की बात है कि लोगों को फायर ब्रिगेड के नंबर की जानकारी है। आग लगने पर फायर ब्रिगेड को त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया।
जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को भी भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता के सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैयार रहते हुए कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारी लू की पूर्व चेतावनी तथा इसकी सूचना प्राप्त कर सभी भागीदारों एवं आम जनता तक पहुँचाने की त्वरित व्यवस्था करेंगे, ताकि इसके प्रकोप से बचा जा सके।
संभावित लू से बचाव के लिए तैयारियों से संबंधित इस बैठक में अपर समाहर्ता मोहम्मद राशिद आलम, सिविल सर्जन डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विमल कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर, निदेशक डीआरडीए मोहम्मद शहादत हुसैन, अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया अमित अनुराग, अनुमंडल पदाधिकारी, गोगरी अमन कुमार सुमन, भूमि सुधार उप समाहर्ता, खगड़िया जनक कुमार, सभी संबंधित अभियंत्रण एवं तकनीकी विभागों के पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे।