जिलाधिकारी ने अलौली प्रखंड के बांध चातर पंचायत में रब्बी गेहूं के फसल कटनी प्रयोग का किया निरीक्षण, प्रति हेक्टेयर 40.40 क्विंटल उत्पादकता आंकी गई, किसानों एवं जनप्रतिनिधियों की समस्याओं के संबंध में पूछताछ की एवं दिए आवश्यक निर्देश ।

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खगड़िया: जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने अलौली प्रखंड के बांध चातर ग्राम पंचायत में संतोष विशनपुर राजस्व ग्राम में रब्बी गेहूं फसल के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत प्रायोजित खरीफ मौसम, कृषि वर्ष 2022-23 के अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जा रहा है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा रब्बी गेहूं के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता मोती राय, कृषि समन्वयक, अलौली को यह प्रयोग आवंटित किया गया था, जिन्होंने इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन जिलाधिकारी की उपस्थिति में किया।

उल्लेखनीय है कि रब्बी फसल गेहूं और मकई के साथ खरीफ फसल भदई मक्का, ईख और अगहनी धान का पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा इसके आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधित नीतियों को तय करने में भी किया जाता है।

फसल कटनी प्रयोग उपज दर के अनुमान लगाने का एक वैज्ञानिक ढंग है तथा कटनी प्रयोग का विधिवत किया जाना शुद्ध शुद्ध अनुमान लगाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए फसल कटनी प्रयोगो की विभिन्न प्रक्रियाओं का निरीक्षण उच्च स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है। इसी क्रम में आज जिलाधिकारी द्वारा अलौली प्रखंड के बांध चातर में रब्बी गेहूं फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया गया। नक्शे के आधार पर राजस्व कर्मचारी एवं अमीन द्वारा खसरा का चयन विधिवत तरीके से किया गया था।

फसल कटनी प्रयोग के लिए खसरा/कीता संख्या 84 पर स्थित किसान हरिनंदन साह के खेत का चयन किया गया। यह खेत बांध के पास स्थित था। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड की सीमा के अंदर पड़ने वाले रब्बी गेहूं की फसल की कटाई कराई गई।

जिलाधिकारी ने स्वयं हाथ में हसुआ पकड़ कर फसल काटना प्रारंभ किया और तत्पश्चात मजदूरों द्वारा चिन्हित क्षेत्र में फसल कटनी की गई। इसका चित्र एवं डाटा सीसीई ऐप पर अपलोड किया गया। विदित हो कि प्रत्येक फसल कटाई प्रयोग का चित्र एवं डाटा क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट ऐप पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है, जिसमें खेत का जीपीएस लोकेशन भी दर्ज होता है। इस दौरान फसल कटनी प्रयोग के महत्व एवं इसकी प्रक्रिया की जानकारी उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं किसानों को दी गई। जिलाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रयोग के आयोजन और इसके विधि के संबंध में जानकारी भी ली गई।

जिलाधिकारी की उपस्थिति में फसल कटनी के बाद थ्रेसिंग का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त गेहूं के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए गेहूं के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 20.200 किलोग्राम मापा गया। इस आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता 40.400 क्विंटल आंकी गई, जिसे अच्छी उत्पादकता माना जा सकता है। कटनी से प्राप्त गेहूं के दाने को निदेशालय से प्राप्त विशेष बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन ज्ञात किया जाना है।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और किसानों से उनके समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने स्थानीय मुखिया को सड़क की मरम्मति मनरेगा से कराने के संबंध में निर्देश दिया। विदित हो कि मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार द्वारा समाधान यात्रा के दौरान खगड़िया में इसी पंचायत का भ्रमण किया गया था।

जिलाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के समय जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी दीपक कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अलौली मनीष कुमार, अंचलाधिकारी, अलौली प्रदीप कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी शंकर राम, कृषि समन्वयक निरंजन हजारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि यथा मुखिया सनोज कुमार, सरपंच शंकर राम, वार्ड सदस्य रोहित राज, गुड्डी कुमारी, पैक्स प्रबंधक राजीव रंजन सहित बड़ी संख्या में किसान सुबोध चौधरी, राज किशोर यादव, पप्पू कुमार, नंदलाल सदा, सुशील कुमार आदि उपस्थित थे।

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