जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने चौथम प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), इंदिरा आवास योजना के 45 भूमिहीन लाभुकों के साथ समीक्षा बैठक की एवं वास भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने मध्य बोरने एवं पश्चिम बोरने पंचायत का भ्रमण भी किया एवं वास भूमि के संबंध में संभावित स्थलों की जांच की।
जिलाधिकारी ने भूमिहीन लाभुकों के साथ बैठक करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा की। बैठक में मध्य बोरने एवं पश्चिम बोरने पंचायत के भूमिहीन लाभुक एवं मुखिया शामिल हुए। जिलाधिकारी ने भूमिहीन लाभुकों से बातचीत करते हुए उनकी समस्याओं को सुना और उस पर सकारात्मक आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी ने भूमिहीन लाभुकों को बताया कि जहां कहीं सरकारी जमीन आवास निर्माण हेतु उपलब्ध ना हो, वहां वास स्थल क्रय सहायता योजना के अंतर्गत ₹60000 की राशि लाभुकों को उपलब्ध कराई जाती है, ताकि वे जमीन का क्रय कर अपने आवास का निर्माण कर सकें। भूमिहीन लाभुकों द्वारा बताया गया कि ₹60000 में आवास निर्माण हेतु 3 डिसमिल वास भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इस वजह से वे वास भूमि क्रय करने में असमर्थ हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी ने दोनों पंचायतों के मुखिया से बात किया और फिर दोनों पंचायत का भ्रमण कर भूमिहीन लाभुकों को आवास निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में स्थलों का निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि आवास निर्माण हेतु प्राथमिकता के आधार पर सरकारी जमीन को चिन्हित किया जाएगा। सरकारी जमीन ना होने की स्थिति में जमीन को अर्जित कर आवास का निर्माण कराया जा सकता है। मध्य बोरने पंचायत में जिलाधिकारी ने एक बड़े प्लॉट का निरीक्षण किया जिसमें कॉलोनी बनाकर भूमिहीन लाभुकों को बसाया जा सकता है और आंगनवाड़ी का निर्माण भी कराया जा सकता है। इसी तरह पश्चिमी बोरने पंचायत में जिलाधिकारी ने प्लॉट का निरीक्षण किया और वहीं लाभुकों को आवास निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने की संभावनाओं का जायजा लिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने भूमिहीन लाभुकों के साथ स्थानीय ग्राम वासियों से भी बात किया और भूमि चयन की उपयुक्तता के संबंध में उनका फीडबैक प्राप्त किया। प्रखंड विकास पदाधिकारी चौथम उषा कुमारी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

