अहमद पटेल (रिपोर्ट): कुरावली मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) के सूरज तिवारी ने IAS की परीक्षा पास तो बधाई देने वाले का तांता लग गया।
ना पैर हैं ना एक हाथ। सिर्फ दूसरे हाथ की दो उँगलियाँ के सहारे सपनो के उड़ान में पंख लगा डाला सूरज तिवारी ने।
पिता दर्जी का काम कर पूरे परिवार का भरण पोषण करता था पर सूरज तिवारी के लिए इस हालात में लक्ष्य को पाना मुुश्किल जरूर था पर नामुमकिन नहीं। उसी नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया विकलांग सूरज तिवारी ने।
जहां आज के यूवा समस्याओं से जूझने की हिम्मत को खो देते हैं वहीं दूसरी तरफ विकलांग सूरज तिवारी ने समस्याओं को ही अपनी सफलता का हथियार बना लिया । मुश्किलों के घेरे को तोड़कर सफलता की सीढ़ियों पर चढ किया मिशाल कायम।
उस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया सूरज ने:
“मन के हारे हार है मन के जीते जीत”
