बलात्कारियों का स्वागत करने वाले के मुंह पर तमाचा।

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  • बलात्कारियों का स्वागत करने वाले के मुंह पर तमाचा। बिल्किस बानो की जीत।दोषियों की सजा माफी के रद्द।

  • बिलकिस बानो केस में सभी 11 दोषियों की सजा माफी के रद्द होने के फैसले का स्वागत : इस लड़ाई को हम लोगों ने भी लड़ा था और आज लड़ाई में जीत हासिल हुई है । NFIW का बेहद शुक्रिया ✊✊

खगड़िया/जन वार्ता टाईम्स : बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा – ये महिला आन्दोलन की जीत है। 

इस मामले में NFIEW समेत कई संगठन ने गुजरात सरकार के फैसले के विरुद्ध जनहित याचिका दायर की थी

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के बिलकिस बानो केस में सभी 11 दोषियों की सजा माफी को रद्द कर दिया। बिहार महिला समाज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता है।

ये बिल्किस बानो के संघर्ष की जीत है। ये महिला आंदोलन की जीत है। बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा गुजरात सरकार के जिस फैसले से पूरा देश शर्मशार हुआ था आज सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला देकर न्याय की तरफ कदम बढ़ाया है।

उन्होंने कहा उस समय बीजेपी के लोगों ने जिस तरह बलात्कारियों का स्वागत किया यह साबित करता है कि बीजेपी का महिलाओं के प्रति कैसी भावना है। जब बलात्कारियों को सरकार ही संरक्षण देगी तो महिलाएं न्याय के लिए कहां जाएंगी। कोर्ट के इस फैसले से महिलाओं का न्याय पर भरोसा बना है।

इस फैसले को यहां तक लाने में NFIW और कई महिला संगठनों की बड़ी भूमिका है। इस मामले में बिलकिस की याचिका के साथ ही हमारे संगठन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा समेत अन्य ने जनहित याचिकाएं दायर कर सजा में छूट को चुनौती दी थी।

बिलकिस बानो उस वक्त 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब साम्प्रदायिक दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. उसकी तीन वर्षीय बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी।

बिहार महिला समाज ये उम्मीद करता है कि बिल्किस बानो के मामले में आगे भी न्याय मिलेगा। और हम महिलाएं न्याय पर भरोसा कर पाएंगे। महिलाओं के प्रति हो रही ऐसी तमाम हिंसा पर रोक लगनी चाहिए।

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