मांडर में काली पट्टी बांध कर वक्फ तरमीमी बिल की शदीद मुखालफत की

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मांडर में काली पट्टी बांध कर वक्फ तरमीमी बिल की शदीद मुखालफत की

  खगड़िया/जन वार्ता टाईम्स: जिला खगड़िया के नौजवानों ने आज बाद नमाज़ जुमा बाज़ुओं पर काली पट्टियां बाँध कर वक्फ तरमीमी बिल 2024 के खिलाफ़ अहतिजाज किया। इस मौके पर गांव के सरकिर्दह शख्सियात भी मौजूद थे। अहतिजाज में शरीक नौजवानों में मो असद उर्फ मो इरशाद, फूलहसन , अबसार, आदिल इमाम कासिमी, मेहराब रहमानी, शादाब अहमद, अफजल गाज़ी, मंज़र सुल्तान,मौलाना खतीबुल्लाह, मोo नेहाल अहमद, मोo उमर ,मेराज ,शाहरूख वगैरह वगैरह मौजूद रहे और इसके अलावा दीगर मिली व समाजी शख्सियात शामिल थे वाजह रहे कि मुल्क भर में उस मतनाजा बिल के खिलाफ़ अहतिजाज जारी हैं। तमिलनाडु में हजारों अफराद ने इस बिल के खिलाफ़ मुजाहिरा करते हुए मोदी हुकूमत से इसे फोरी वापस लेने का मुतालबा किया था। 26 मार्च को पटना में भी बिहार की तमाम मिली और सियासी पार्टियों ने मिल कर इस बिल की पुरजोर मुखालफत की है। मुस्लिम तंजीमों का मौअकूफ़ है कि यह बिल वक्फ इमलाक की खुदमुख्तारी को खत्म करने और उन पर नाजायज कब्जों को कानूनी हैसियत देने की कोशिश है, जो मुसलामानों के दीनी, तालीमी और समाजी तरक्की के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

खगड़िया के नौजवानों का यह अहतिजाज इस बात की अक्कासी करता है कि मुल्क के मुख्तलिफ हिस्सों में मुसलमान इस बिल के खिलाफ़ मुतहद होकर आवाज़ बुलंद कर रहे हैं और अपने हुकूक के तहफ्फुज के लिए पूरी अज़्म हैं। नामा निगार को बताते हुए मो असद उर्फ मो इरशाद, आदिल इमाम कासिमी ने कहा कि यह बिल दर हकीकत मुसलमानों को जायदाद से मरहूम करने का एक जरिया है, जिसे मुस्लिम क़ौम कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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