रोड नही तो वोट नहीं बेलदौर सकरोहर की जनता
लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही मतदान बहिष्कार के लगाए पोस्टर, सकरोहर गांवों क़े लोगो नें क्यों किया ये ऐलान?*
बेलदौर प्रखंड क़े सकरोहर गाँव क़े लोगो नें आज देर शाम शांतिपूर्ण तरीके सें बैनर क़े जरिए गाँव में घूम घूम कर लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करनें क़े लिए लगाया नारें*।
बेलदौर :- लोकसभा चुनाव में जनता नें वोटिंग का बहिष्कार किया है। खगड़िया जिले बेलदौर प्रखंड मुख्यालय सें लेकर सकरोहर गाँव तक सड़क सें जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों और नेताओं से अनुरोध किया गया है।लेक़िन समस्या जस का तस बना हुआ है, वहीं अब लोकसभा चुनाव में वोटिंग के बहिष्कार से प्रत्याशियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।वहीँ इधर लोकसभा चुनाव का आगाज हो गया है। पूरे देश में 7 चरण में मतदान होना है। ऐसे में एक तरफ जहां सभी सियासी दल अपने लिए एक-एक वोट बटोरने में दिन रात एक कर रहे हैं तो वहीं खगड़िया लोकसभा क्षेंत्र में जनता ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है, दरअसल पूरा मामला खगड़िया लोकसभा क्षेत्र खगड़िया ज़िले के अंतर्गत बेलदौर थाना क्षेंत्र के सकरोहर गांव का है। जहां लगभग आज शानिवार क़े दिन देर शाम हजारे ग्रामीणें नें लोकसभा चुनाव में वोटिंग का बहिष्कार करनें का निर्णय लिया ,
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि वोटिंग का बहिष्कार करने वालों में सिर्फ युवा नौजवान ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की महिला और बुजुर्ग भी हैं। ऐसे में अगर ये सभी लोग वोटिंग का बहिष्कार करते हैं तो लोकसभा चुनाव में यहां से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो दस साल सें अभी तक बेलदौर प्रखंड मुख्यालय सें होकर सकरोहर गाँव जानें वाली सड़क जजर हालत में है, इनकी समस्या है, कि जब कभी इलका में बाढ़ या हल्की सी बारिश हो जाती है तो सकरोहर गांव जलमग्न हो जाता है, बाजार किसी भी काम से जाना पड़ता है तो हर रोज अपनी जान को सड़क जर्जर होने की स्थिति में जोखिम में डालना पड़ता हैं। वहीँ वहां के ग्रामीणों नें बताया कि गाँव में विधुत के विभाग के पावर सब स्टेशन रहते हुए भी भी शाही सें बिजली संचालित नहीं होती है, जिससे काफ़ी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे ग्रामीणें को अभी तक निजात नहीं मिली है। जिसके कारण जब भी विद्यालय या अस्पताल जाना हो तो लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर जजर्र सड़क सें गुजरना पड़ता हैं, सूत्रों के अनुसार जनता अधिकारियों और नेताओं के चक्कर लगा लगा कर थक गए हैं। हालांकि उनकी समस्या पर किसी का भी ध्यान नहीं है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में वो वोटिंग का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने को मजबूर हैं। इन दिनों से कुछ दिन पहले खगड़िया क़े सांसद महबूब अली कैसर नें गांव के लोगों को समस्या का निवारण करने हेतु दिए थे आश्वासन, जो कि अभी तक कुछ सुधार नहीं हुआ है। गांव के लोगों का समस्या जस का तस बना हुआ है।