विश्वकर्मा समाज की प्रलय एवम निर्माण युवा के हाथो में है : मुकुल आनंद

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विश्वकर्मा समाज की प्रलय एवम निर्माण युवा के हाथो में है : मुकुल आनंद

खगड़िया : रविवार को खगड़िया स्थित रेड क्रॉस सोसायटी सभागार में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की तत्वाधान में विश्वकर्मा समाज की सम्मेलन संपन्न हुई

बैठक की अध्यक्षता उमेश शर्मा एवं संचालन दिवाकर शर्मा ने की।



कार्यक्रम का शुभारंभ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने विश्वकर्मा समाज इष्टदेव भगवान विश्वकर्मा के तैल्य चित्र पर पुष्प की श्रद्धा सुमन दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

आए हुए सभी विद्वानों का महासंघ के द्वारा अंगवस्त्रम एवम पुष्पहार से सम्मानित किया गया एवम जिला के विश्वकर्मा समाज के पुरखो को भी पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया गया।

महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार उर्फ मुकुल आनंद ने कहा वर्तमान परिदृश्य में विश्वकर्मा समाज के सामने सामाजिक,शैक्षणिक एवम आर्थिक मुद्दों पर दक्ष प्रश्न है।जिसका निदान केवल आप विद्वत जनों के सहारे हो सकता है।किसी भी समाज के निर्माण में बुद्धिजीवियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।किसी भी समाज की सामाजिक,आर्थिक एवम सांस्कृतिक विकास उस समाज की शिक्षा पर निर्भर करता है इसलिए आज विश्वकर्मा समाज के समक्ष कई प्रश्न है आखिरकार विश्वकर्मा समाज की कैसी व्यवस्था होनी चाहिए जो हमारे समाज के अनुकूल हो।विविधता और असमानता वाले विश्वकर्मा समाज को कैसे समावेशी बनाया जाय।हमारा मानना है जब तक समाज के बुद्धिजीवी लोग आगे नहीं आयेंगे तब तक समाज की मजबूत विकल्प नहीं बन पाएगी।

सुजाता शर्मा ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद जी का उद्बोधन और उनका संकल्प हममें एक आशा का संचार कर गया।75 वर्षों का तिरस्कार अब हमें करो या मरो के लिए सन्नद्ध करने को बाध्य करता है।अब हम पवनिया की भूमिका से हटकर हिस्सेदारी लेने की भूमिका में आ गए है।

बेबी चंकी ने कहा भारतीय विश्वकर्मा महासंघ बढ़ई, लोहार, सोनार, कसेरा, ठठेरा एवम कुम्हार विश्वकर्मा के पांचों पुत्रों को एक जूट करने की मुहिम चलाया है। विश्वकर्मा वंशज को उचित प्रतिनिधित्व व सामाजिक स्तर पर सम्मान शिक्षा की बढ़ावा से ही संभव है।वो कार्य हम को आगे आने से ही संभव है।

महासंघ के महासचिव बिनोद शर्मा ने कहा विश्वकर्मा समाज एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपराएं और तकनीकी कौशल पहुंचाने का केंद्र है और सभ्यता के प्रकाश को प्रज्वलित रखने में सहायक है।

प्रोफेसर उमाशंकर शर्मा ने कहा की यह कार्य मुकुल आनंद जी के द्वारा जो किया जा रहा है वो सराहनीय एवम अतुलनीय है।

अर्जुन शर्मा ने कहा अब तक हमलोग विश्वकर्मा वंशी अलग अलग लड़कर दूसरो को मौका देते रहे।भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की यह पहल बहुत ही सराहनीय एवम प्रशंसनीय है।हमलोग सभी विश्वकर्मा वंशी एक जूट होकर एक मंच पर आकर अपने ताकत का प्रदर्शन करे।

अध्यक्षीय संबोधन में उमेश शर्मा ने कहा आज के कार्यक्रम में विश्वकर्मा के पांचों पुत्रों के प्रतिनिधि अपनी उपस्थिति देकर एक मजबूत संदेश देने का कार्य किए है यही अनवरत बनी रहे।

कई वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और सबो ने इस कार्य को सराहा और मजबूती से संघटन को मजबूत करने का संकल्प भी लिए।

बज्र मोहन शर्मा एवम रीमा कुमारी विश्वकर्मा के पांचों पुत्रों के एकता कायम को अपने रचित गीतो के माध्यम से एकता की प्रस्तुति दी।
महासंघ के जिला अध्यक्ष मंटून शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किए।

कई वक्ताओं ने एमएलसी प्रतिनिधि मंटू शर्मा, मुखिया प्रतिनिधि रामबिलाश शर्मा,अर्जुन शर्मा,चंद्रप्रकाश शर्मा,रामशक्ल शर्मा, डॉ0 सुधीर शर्मा,पूर्व नगर पार्षद चंद्रशेखर शर्मा,विनोद शर्मा,राजीव रंजन,आदि वक्ताओं ने विचार दिए। बैठक मे सैकड़ों कि संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।

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