शराबबंदी के 9 साल बाद भी शराबबंदी कानून की भद्द पिट रही है

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शराबबंदी के 9 साल बाद भी शराबबंदी कानून की भद्द पिट रही है

नशा और शराब का कारोबार शराबंदी सरकार वा पुलिस प्रशासन की नींद उड़ाई है या नहीं इस पर बात न भी करें तो तो आम जानो की रात की नींद और दिन का चैन जरूर उड़ गया है रोज अखबारों और सहित अन्य न्यूज प्लेटफॉर्म पर शराब संबंधित कोई न कोई मामला जरूर आता होगा वहीं जिला खगड़िया की बात करे तो वाहन चेकिंग के दौरान मनजीत कुमार पिता राजेश प्रसाद ग्राम भूतोली मालपा थाना चौथम जिला खगड़िया को सिंगनेचर कंपनी के 750 एम एल के 3 बोतल रम के साथ गिरफ्तार किया गया,वहीं अग्रिम कार्रवाई की जा रही है

पूर्ण शराबबंदी पर सवाल: बिहार में शराबबंदी के 9 साल हो चुके हैं, लेकिन पूर्ण रूप से इसे लागू होने की बात करें तो यह बेईमानी होगी, क्योंकि हर साल बिहार में जहरीली शराब पीने से सैंकड़ों लोगों की मौत हो रही है. चोरी छिपे भी शराब की तस्करी और बिक्री भी हो रही है. खासकर पड़ोसी राज्य से धड़ल्ले से शराब लायी जाती है, हालांकि पुलिस छोटी-मोटी कार्रवाई कर अपनी मौजूदगी दर्शा देती है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. सत्ता में बैठे लोग और पुलिस विभाग की लापरवाही की वजह से ऐसा हो रहा है. कानून को कठोरता से लागू नहीं किया गया है. अगर होता तो रिजल्ट कुछ और होता.

कितनी हुई मौतें : 2018 की सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पूरे देश में 1 वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई. इसमें 5.3% मौत शराब पीने से हुई. 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5% लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है. आत्महत्या के जितने मामले आते हैं उनमें 18% आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है. शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27% सड़क दुर्घटनाएं होती है . शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां।

न्यायालय पर बढ़े अतिरिक्त बोझ: शराबबंदी कानून का साइड इफेक्ट भी हुआ है. एक ओर जहां हजारों करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है. वहीं न्यायालय पर भी बोझ बढ़ा है. बिहार में शराबबंदी कानून से जुड़े 936949 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इस दौरान 14 लाख 32 हजार 837 गिरफ्तारियां हुई है. सरकार ने अतिरिक्त न्यायालय का गठन तो किया है लेकिन वह नकाफी साबित हो रहा है. ज्यादा गिरफ्तारी और शराब जब्ती के कारण मामला न्यायालय में अटक रहा है.

ऐसे में सवाल

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