समाहर्ता की अध्यक्षता में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित विषयों की समीक्षात्मक बैठक, आंतरिक संसाधन की भी बैठक में समीक्षा की गई, विभिन्न विषयों की समीक्षा के साथ निष्पादन के संबंध में दिए गए विभिन्न निर्देश।

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जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई, जिसमें भूमि अतिक्रमण, ऑनलाइन दाखिल खारिज, भू लगान वसूली , सैरात बंदोबस्ती एवं सरजमीनी सेवाओं की एजेंडा वार समीक्षा हुई। जिलाधिकारी ने सभी विषयों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कार्यों के ससमय गुणवत्तापूर्ण निष्पादन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने अतिक्रमण के मामलों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जल जीवन हरियाली अंतर्गत पोखरों-तालाबों एवं कुओं आदि जल निकायों के जितने अतिक्रमण अभी भी बचे हुए हैं, उनको अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाए।

ऑनलाइन दाखिल खारिज की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि कि खराब प्रदर्शन करने वाले अंचल जिले की औसत के अनुरूप अपने निष्पादन का प्रतिशत बढ़ाएंगे। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि खाता खेसरा अथवा जमाबंदी के अद्यतनीकरण का दायित्व राजस्व कर्मचारियों का होता है और अंचल अधिकारियों को इसका नियमित अनुश्रवण स्वयं करना है।

समीक्षा के दौरान दाखिल खारिज निष्पादन के संबंध में अंचलवार सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 3-3 कर्मचारियों को चिन्हित किया गया तथा इनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए अपने मंतव्य के साथ भूमि सुधार उप समाहर्ता के माध्यम से भेजने का निर्देश अंचलाधिकारियों को दिया गया।

भू लगान वसूली की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि साप्ताहिक लक्ष्य के अनुरूप राजस्व वसूली का निर्धारण करते हुए राजस्व वसूली का कार्य किया जाए साथ ही प्रत्येक अनुमंडल में पाक्षिक बैठक कर भू लगान वसूली में आ रही अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जाए। इसी क्रम में सबसे कम वसूली करने वाले कर्मचारियों को अंचलवार चिन्हित किया जाए।

सैरातों के बंदोबस्ती के समीक्षा के क्रम में जिन सैरातों की बंदोबस्ती नहीं हो पा रही है, उनके संबंध में निर्देश दिया गया कि विभागीय मार्गदर्शन के आलोक में सैरात सूची से इनके विलोपन की कार्रवाई प्रारंभ किया जाए।

सरजमीनी सेवाओं के संबंध में सभी अंचलाधिकारियों को लोक भूमि अतिक्रमण, भूमि मापी प्रतिवेदन और बेदखली से संबंधित कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया गया। अभियान बसेरा की भी समीक्षा की गई और जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि वितरण हेतु पर्चा तैयार कर लिया जाए और सामूहिक रूप से पर्चा वितरण का समेकित कार्यक्रम जिला राजस्व शाखा द्वारा प्रेषित किया जाए।

जिलाधिकारी द्वारा आंतरिक संसाधनों की समीक्षा भी इसी बैठक के साथ संपन्न हुई, जिसमें उन्होंने विभिन्न विभागों/शाखाओं को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

वाणिज्य कर, निबंधन एवं राष्ट्रीय बचत की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त करते हुए कार्यपालक पदाधिकारी, राष्ट्रीय बचत को निर्देश दिया कि अपने कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ाएं और एक परिचर्चा कार्यक्रम जिलास्तरीय पदाधिकारियों के लिए आयोजित करें, ताकि इनके द्वारा चलाए जा रहे स्कीमों के बारे में सबको जानकारी उपलब्ध हो सके।

भूमि विकास बैंक के प्रबंधक को निर्देशित किया गया कि सभी ऋणियों से राशि की वसूली के लिए मासिक कार्य योजना तैयारकर कार्य प्रारंभ करें।

जिलाधिकारी ने खनन की समीक्षा करते हुए जिला खनन पदाधिकारी को खनन स्थलों पर छापामारी की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया।

नगर परिषद खगड़िया एवं गोगरी के संसाधनों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कर निर्धारण को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि जनसंख्या क्षेत्रफल को देखते हुए करदाताओं की संख्या बढ़ाने एवं कर निर्धारण की कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया गया।

नीलाम पत्र शाखा की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस महीने में सभी संबंधित पदाधिकारियों की बैठक कर उनके द्वारा अब तक कृत्य कार्रवाई को अद्यतन कर लें।

राजस्व भूमि सुधार विभाग की इस समीक्षात्मक बैठक में दोनों अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता, राजस्व शाखा के प्रभारी वरीय उप समाहर्ता सहित सभी अंचलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी उपस्थित थे। आंतरिक संसाधन की बैठक हेतु राज्यकर आयुक्त, जिला निबंधक, कार्यपालक पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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