सहरसा- खगड़िया – सियालदह ट्रेन चलाने की मिली स्वीकृति।
सहरसा और खगड़िया के लोगों को कलकत्ता जाने के लिए सांसद दिनेशचंद्र यादव ने वंदे भारत ट्रेन चलाने की माँग रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से किया था ।इनकी माँग को मानते हुए रेल मंत्रालय ने सहरसा- खगड़िया – सियालदह ट्रेन चलाने की स्वीकृति दे दिया है। वंदे भारत ट्रेन के स्वीकृति दिये जाने पर सांसद दिनेश चंद्र यादव ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से उनके आवास पर मिलकर सहरसा – खगड़िया – सियालदह वंदे भारत ट्रेन चलाने की स्वीकृति देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और उनसे आग्रह किया कि सहरसा- मानसी रेल लाइन का दोहरीकरण, सहरसा से नई दिल्ली तक वंदे भारत ( स्लीपर ) ट्रेन चलाने एवं मुरलीगंज रेलवे स्टेशन पर रैक पॉइंट बनाने का आग्रह किया l रेल मंत्री ने जल्द ही सभी बिंदुओं पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिये।
सहरसा- खगड़िया – सियालदह ट्रेन के चलने की स्वीकृति मिलने से खगड़िया के लोगों को काफी खुशी है कि कम समय में वे कलकत्ता जा सकेंगे और अपना आवश्यक काम को पूरा कर खगड़िया लौट जायेगें।
ज्ञात हो की जब 1996 में पहली बार दिनेश चंद्र यादव सहरसा से सांसद हुए थे तो उस जमाने में कोसी क्षेत्र में 1 इंच भी बड़ी रेल लाइन की सुविधा लोगों को नहीं थी। और उनके प्रयास से ही आज मानसी से सहरसा फारबिसगंज, सहरसा से पूर्णिया तक बड़ी रेल लाइन की सुविधा उपलब्ध हुई और कंप्यूटराइज से आरक्षण की सुविधा इसलिए नहीं थी कि छोटी रेल लाइन के स्टेशन पर उस जमाने में जब सहरसा में हो रहा था पूरा देश में नीति थी कि जो मीटर गेट रेल लाइन जहां चलती है वहां कंप्यूटराइज्ड की सुविधा नहीं होगी लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री जी से इन्होंने आग्रह करके सहरसा और कंप्यूटराइज से आरक्षण की सुविधा का सिस्टम स्थापित कराया। बहुत सारे काम इस पिछले इलाके में इनके प्रयास से हुआ और आगे भी सतत लगे रहते हैं विकास के लिए और उसे करी को आगे दिन प्रतिदिन बढ़ते रहते हैं फिलहाल अभी 158 करोड रुपए की लागत से सहरसा रेल लाइन याद रिपोर्टिंग कार्य की स्वीकृति हुई जिसमें 6 स्टे लाइन बना है और सारी सुविधा उसमें दी जाएगी तो जितनी भी गाड़ी लंबी दूरी की गाड़ी चलती है अब आज के दिन में उसको इसीलिए रोका जाता है कि वहां स्टे लाइन नहीं है तो वह सब सारी समस्या दूर होगी और उन क्षेत्र के लोगों को भी काफी लाभ होगा