9 वर्षीय महादलित बच्ची से दुष्कर्म और हत्या, न्याय के लिए आक्रोशित लोग!

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9 वर्षीय महादलित बच्ची से दुष्कर्म और हत्या, न्याय के लिए आक्रोशित लोग!

प्राप्त जानकारी अनुसार मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में 9 वर्षीय एक महादलित बच्ची के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म और हत्या मामले ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है। 26 मई की शाम को हुई इस घटना के बाद, 6 दिनों तक मौत से जूझने के बाद रविवार को पटना के पीएमसीएच (PMCH) में नाबालिग ने दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी जबरदस्त आक्रोश पैदा कर दिया है।

आक्रोशित भीड़ और अंतिम संस्कार का संघर्ष

बीती शाम जब पीड़िता का शव उसके गांव पहुंचा, तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। परिजन आरोपी रोहित सहनी के घर के सामने ही अंतिम संस्कार करने की जिद पर अड़े थे, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। घंटों की मशक्कत और प्रशासन के समझाने-बुझाने के बाद ही लोगों को शांत किया जा सका और बच्ची का अंतिम संस्कार संपन्न हो सका। इस दौरान, पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने और जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित करने की मांग की।

पीएमसीएच पर इलाज में लापरवाही का आरोप

इस पूरे मामले में पटना के पीएमसीएच पर इलाज में घोर लापरवाही का आरोप लग रहा है। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर बच्ची को उचित इलाज मिलता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी। इस आरोप ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोग इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

राजनीतिक गरमाहट और न्याय की मांग

इस घटना को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया है। मुजफ्फरपुर से लेकर पटना और दिल्ली तक, कांग्रेस नेताओं द्वारा इस मामले पर सवाल उठाए जा रहे हैं और न्याय की मांग की जा रही है। विपक्षी दल सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं और पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इधर पुलिस ने आरोपी रोहित सहनी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। इस मामले में तेजी से जांच कर दोषियों को सजा दिलाना और पीड़ित परिवार को न्याय सुनिश्चित करना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को कब तक और कितनी कड़ी सजा मिलती है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर बहस छेड़ दी है।

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